गुंजन सक्सेना
गुंजन सक्सेना एक ऐसा नाम है जिनके ऊपर पुरे हिंदुस्तान को गर्व होना चाहिए | गुंजन सक्सेना को कारगिल गर्ल के नाम से भी जाना जाता है | यह वो पहली महिला है जिन्होंने कारगिल युद्ध में उड़ान भरने वाली पहली महिला के रूप में जाना जाता है | वह कारगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट रह चुकी है | आज के समय में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले आगे निकल चुकी है लेकिन गुंजन सक्सेना ने उस समय जब महिला को पुरुष के समान नहीं समझा जाता था तब यह अपना लोहा मनवा चुकी दिया | गुंजन सक्सेना के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे तो जानते है कौन है गुंजन सक्सेना और जीवन के बारे में
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गुंजन सक्सेना का जीवन परिचय
गुंजन सक्सेना का जन्म एक 4 जून 1975 को एक आर्मी परिवार में हुआ था | बचपन से ही गुंजन को आर्मी के प्रति बहुत लगाव था | उनकी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया और उसके साथ-साथ सफदरजंग फ्लाइंग क्लब के साथ जुड़ गयी | बचपन से ही उनका सपना वायु सेना के साथ जुड़ना चाहती थी जिसके लिए वो सफदरजंग फ्लाइंग क्लब के साथ जुडी थी | वहीँ पर उन्होंने फ्लाइट की आधारभूत बातें सीखना आरम्भ कर दी | उन्होंने वहीँ सशस्त्र सीमा बल सफलतापूर्वक पास करने के बाद पायलट के रूप में वायु सेना को ज्वाइन कर लिया | गुंजन सक्सेना और उनके परिवार का जुड़ाव सदैव भारतीय सेना के साथ रहा उनके पिता और उनके भाई दोनों ही भारतीय सेना के जवान रह चुके हैं | बात करे उनके वैवाहिक जीवन की तो उन्होंने एक पायलट के साथ शादी की और आज वह अपनी गृहस्थी को संभाल रही है जिसमें उनके पास एक बेटा और एक बेटी भी है |
गुंजन सक्सेना का करियर
गुंजन सक्सेना ने अपने करियर की शुरुआत सन् 1994 के दौरान की उस समय उनको मिलाकर 25 महिलाओं को वायु सेना में एक प्रशिक्षित पायलट के रूप में चुना गया था | उस समय गुंजन की पोस्टिंग जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में हुई थी | गुंजन सक्सेना के मन में हमेशा से ही देश के प्रति कुछ करने की भावना थी और वो ऐसे ही मौके की तलाश में थी जहाँ उन्हें देश के लिए कुछ करने का मौका मिले | और वो मौका सन् 1999 में मिला जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध छिड़ा | कारगिल युद्ध के दौरान वो अकेली नहीं थी उनके साथ श्रीविद्या राजन नामक भारतीय सैनिक भी थी, जिन्होंने इस अभियान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था | इस ऑपरेशन के दौरान गुंजन ने भारतीय सैनिकों के लिए भोजन आपूर्ति और उन्हें प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई | इन सब के आलावा वह पाकिस्तान की हर स्थिति पर नजर रखा करती थी वह अकेले चीता हेलिकॉप्टर उड़ाया करती थी | उन्हें पाकिस्तान के बॉर्डर के पास ही अपना एरोप्लेन उड़ाना पड़ता था | उस दौरान पाक सैनिकों की सतर्कता और उनकी चालाकी की वजह से गुजंन पर मिसाइल विमान से हमला किया गया उसमें वो बाख गयी विमान पीछे पहाड़ी में जा टकराया और विस्फोट हो गया | इस हमले के बाद भी गुंजन ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी उड़ान को जारी रखा | उनकी इस हिम्मत और जज्बे को भारतीय सैनिक बेहद गर्व से सम्मान करते हुए उनकी शौर्य गाथा गाते हैं और उन्हें उनकी इस वीरता के लिए शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार से भी समान्नित किया जा चुका है | भारत के इतिहास में वह पहली भारतीय है जिन्हें शौर्य चक्र पुरस्कार प्रदान किया गया | एक शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल सिर्फ 7 वर्ष का था जिसके बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और उन्होंने अपने पद से सम्मान सहित विदा ली | उसके कुछ समय के बाद उन्होंने वायु सेना के mi-17 हेलिकॉप्टर के पायलट से शादी कर ली | कारगिल युद्ध के समय घायल हुए सभी सैनिको को चिकित्सा प्रदान करना और उन्हें सही सलामत कैंप तक पहुँचाना जो उन्होंने बखूबी निभाई थी | वर्तमान में गुंजन सक्सेना की एक लड़की है जिसका नाम प्रज्ञा है | गुंजन सक्सेना अभी गुजरात के जामनगर में रहती है |
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आज की महिलाओं को गुंजन सक्सेना से सीख लेनी चाहिए कि अगर महिला कुछ करने की ठान ले तो वो करके ही रहती है | हमें उनके ऊपर गर्व होना चाहिए जिन्होंने अपने माता पिता के साथ साथ देश
का नाम रोशन कर वीरता पुरस्कार प्राप्त किया |