प्रेरणादायक कहानी
बैजनाथ की उपतहसील चड़ीयार के समीप गाँव भुलाना के बिहारी लाल जो कि 100% दृष्टिहीन है ! और हमारी नजर में किसी रियल हीरो से कम नहीं है ! यूट्यूब और गूगल सर्च करेंगे तो बहुत सी ऐसी प्रेरणादायक कहानियां आपको मिल जाएगी उन्हीं में से एक बिहारी लाल जी है ! सलाम है इनकी हिम्मत को जो दृष्टिहीन होने के बावजूद खुद मनरेगा में काम करते है ! और इन सब के अलावा वो घर पर ही फोल्डिंग कुर्सियां बनाते है ! बिहारी लाल जी शादीसुदा है उनका एक लड़का है जो कि पालमपुर में गाड़ी चलाता है ! बिहारी लाल जी का बेटा पहले चंडीगढ़ में काम किया करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद से वो घर आना पड़ा उसके बाद से पालमपुर में गाड़ी चलाता है ! बिहारी लाल जी विवाह शादी में बैंड का काम भी करते है !
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“हेल्पिंग हैंड्स टीम” चड़ीयार में जरूरतमंद के परिवार के सहयोग हेतु मिलने गयी थी तो आते वक़्त बिहारी लाल जी से मुलाकात हुई ! उनके विचार सुनकर हमें बहुत प्रसन्नता हुई कि आज के इस युग में ऐसे भी इंसान है जो भीख न मांग कर मेहनत और खुद्दारी से जीना पसंद करते है ! बिहारी लाल जी का मेडिकल पास बना हुआ है इन्हें 100% ब्लाइंड पेंशन लगी हुई है ! बिहारी जी से जब हेल्पिंग हेंड्स टीम ने मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि वो मेहनत करके जीना चाहते है ! उन्होंने कहा कि वो आँखों से दृष्टिहीन है शरीर से नहीं ! उन्होंने अपनी मेहनत से पहाड़ को काटकर दी घर की नीव ! जो कि खुद में एक मिशाल है कि एक नेत्रहीन इंसान भी ऐसा कर सकता है !
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बिहारी जी से वार्तालाप हुई तो उन्होंने बताया कि उन्हें मेहनत कर लड़ना उन्हें उनके गुरु रूप मिले माता पिता ने सिखाया ! लेकिन अफ़सोस उनके माता पिता उन्हें छोटी उम्र में छोड़ के चले गए ! आगे की ज़िन्दगी से उन्होंने खुद ही सफ़र तय किया उसके बाद उनका सहारा बन उनकी धर्मपत्नी ने उनका साथ दिया ! सलाम है उनको जिन्होंने एक ब्लाइंड लड़के से शादी कर उनका साथ दिया ! आज के युग में ऐसी स्त्री का मिलना बहुत मुशिकल होता है !
बिहारी लाल जी को सलाम है जो कि नेत्रहीन होने के बावजूद भी खुद्दारी से अपना जीवन यापन कर रहे है ! आपके यहाँ कोई भी ऐसी प्रेरणादायक कहानी हो तो हमें मेल करें !
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